Friday, March 28, 2008

अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों के लिए पैकेज

अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों के लिए पैकेज

सच्चर समिति ने अपनी रिपोर्ट में मुसलमानों की स्थिति सुधारने की ज़रुरत पर बल दिया था
केंद्र की यूपीए सरकार ने 15 सूत्रीय कार्यक्रम पर अमल करते हुए अल्पसंख्यक बहुल इलाक़ों के विकास के लिए 3,780 करोड़ रुपए की योजना को मंज़ूरी दी है.
केंद्र सरकार की आर्थिक मामलों की मंत्रीमंडलीय समिति (सीसीईए) ने गुरुवार को यह फ़ैसला लेते हुए कहा है कि अगले पाँच साल में यह राशि ख़र्च की जाएगी.
इस योजना के तहत देश के 90 ज़िलों का चयन किया गया है जिसमें यह राशि ख़र्च की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि अल्पसंख्यकों की स्थिति पर सच्चर समिति की रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने अल्पसंख्यकों की स्थिति में सुधार के लिए कोई दो साल पहले 15 सूत्रीय कार्यक्रम की घोषणा की थी.
इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न सरकारी योजनाओं में से 15 प्रतिशत राशि अल्पसंख्यकों के लिए खर्च करने का प्रावधान किया गया था.
प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी सरकार के इस कार्यक्रम को तुष्टिकरण की नीति बताती है और इसका विरोध करती है.
प्रावधान
सीसीईए के फ़ैसले की जानकारी देते हुए सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अल्पसंख्यक बहुल 90 ज़िलों में आधारभूत ढाँचे के विकास और जीवन स्तर में सुधार के लिए यह राशि खर्च की जाएगी.
इसके तहत सड़क निर्माण, स्वास्थ्य केंद्र, बाल विकास केंद्र, कौशल विकास केंद्र और बाज़ार विकास आदि पर ज़ोर दिया जाएगा.
सरकारी प्रवक्ता का कहना है कि ग्रामीण और क़स्बाई इलाक़ों के लिए बनाई गई इस योजना को पंचायती राज के ज़रिए लागू किया जाएगा और इस पर निगरानी के लिए एक अलग प्रणाली विकसित की जाएगी.
इसके लिए 3,780 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है और यह राशि अगले पाँच वर्षों में ख़र्च की जाएगी.
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के तहत लागू की जा रही इस योजना का पूरा ख़र्च केंद्र सरकार वहन करेगी.
किसानों के लिए राहत कोष
इसके अलावा सीसीईए ने किसानों के लिए कर्ज़ राहत कोष की स्थापना का भी फ़ैसला किया है.
इस कोष के लिए फ़िलहाल 10 हज़ार करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है.
यूपीए सरकार ने बजट में किसानों के 60 हज़ार करोड़ रुपयों के कर्ज़ माफ़ करने की घोषणा की थी और यह कोष उसे लागू करने की शुरुआत है.
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार इस कोष में अगले चार साल में 50,314 करोड़ रुपयों का प्रावधान और किया जाएगा जिससे कि कर्ज़ माफ़ करने वाले बैंकों और दूसरी वित्तीय संस्थाओं को होने वाले घाटे की पूर्ति की जा सके.
सरकार ने कहा है कि किसानों की कर्ज़ माफ़ी की योजना जून तक लागू कर दी जाएगी.

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