Wednesday, February 25, 2009

देवबंद बोला, काफिर नहीं है हिंदू


देवबंद बोला, काफिर नहीं है हिंदू

देवबंद। दुनिया के इस्लामी शिक्षा के सबसे बड़े केंद्र दारूल उलूम देवबंद के हदीस सीनियर उस्ताद एवं जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने बुधवार को कहा कि हिंदु काफिर नहीं हैं। मौलाना मदनी ने यहां दारूल उलूम परिसर में में कहा कि काफिर अरबी का लफ्ज है जो अरब में चलता है, हिंदुस्तान में हिंदु और मुसलमान बोला जाता है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव नजदीक आते देख कुछ फिरकापरस्त ताकतें समाज को बांटने की साजिश में लग गई हैं। लेकिन हम किसी को इसकी इजाजत नहीं देंगे। मौलाना मदनी
प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी मौलाना हुसैन अहमद मदनी के पुत्र हैं।
विश्व हिंदु परिषद की हिंदुस्तान को दारूल अमन [शांति का देश] घोषित करने संबंधी फतवा देने की मांग पर वयोवृद्ध इस्लामिक विद्धान ने कहा जब अंग्रेजों ने हिंदुस्तान की हूकूमत खत्म करके यहां ब्रिटिश राज कायम किया था तब सन 1803 में दिल्ली के मौलाना शाह अब्दुल अजीज ने हिन्दुस्तान को दारूल हरब घोषित करने का फतवा जारी करते हुए अंग्रेजी हूकूमत के खात्मे के लिए मुसलमानों से जेहाद करने को कहा था।
उन्होंने कहा कि इसके बाद 1947 में देश के आजाद होते ही भारत दारूल अमन बन गया है। अब इस बारे में फतवा देने की कोई जरूरत नहीं नहीं है।

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